रातोंरात करोड़पति बना 10 साल का बच्चा, भीख मांगकर भरता था पेट

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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रातोंरात करोड़पति बना 10 साल का बच्चा, भीख मांगकर भरता था पेट

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उत्तराखंड में मां की मौत होने के बाद पेट भरने के लिए दर-दर भटकने लगा। कोरोना की चपेट में आने के बाद वह दो वक्त की रोटी के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाकर भीख मांगने लगा। वो कैसे भी अपना गुजर-बसर कर रहा था. लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो करोड़ों का मालिक है.

बच्चे के पिता और दादा, दोनों का निधन हो चुका था, लेकिन वो नहीं जानता था कि उसके दादा ने उसके नाम करोड़ों की संपत्ति छोड़ रखी है. उसके दादा ने मरने से पहले अपनी आधी संपत्ति अपने पोते के नाम कर दी थी.

इसके बाद से ही परिवार वाले उस बच्चे की तलाश में थे. एक दिन अचानक गांव के एक युवक ने उस बच्चे को देखा और उसके परिवार वालों को उसके बारे में जानकारी दी.

एक झगडे से तबाह हो गया पूरा परिवार

इसके बाद परिजन आए और उसे लेकर घर पहुंचे. इसके बाद पता चला कि गांव में बच्चे के नाम पर एक पुश्तैनी घर और 5 बीघा जमीन है. घटना उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के पंडोली गांव की है.

दरअसल, कहानी 2019 से शुरू होती है, जब बच्चे की मां अपने पति के निधन के बाद ससुराल वालों से नाराज होकर मायके चली गई थी. अपने साथ 6 साल के अपने बेटे को भी साथ ले गई थी.

इस दौरान लड़के के घरवालों ने उसे मनाने और रोकने की भी कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी और अपने घर चली गई. इसके बाद परिजनों ने काफी खोजा लेकिन उसकी कोई खोज खबर नहीं मिली.

इसके बाद कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लग गया. इसी दौरान बच्चे शाहजेब की मां की भी मौत हो गई और उसके सिर से ममता का साया भी उठ गया.

इसके बाद से मासूम लावारिस बच्चे की तरह जीने को मजबूर हो गया. वो दिन भर दर-दर भटकता था और दुकानों पर मजदूरी करता, कभी भीख मांगकर पेट भरता. लेकिन अब उसे अपना घर मिल गया है. रिश्ते में उसके छोटे दादा लगने वाले शाह आलम उसे सहारनपुर ले गए हैं.

कैसे हुई पहचान?

बच्चे के परिजनों ने उसकी तस्वीर को व्हाट्सएप ग्रुप्स और सोशल मीडिया पर शेयर कर उसकी खबर देने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी. उनके दूर के रिश्तेदार को बच्चा बाजार में दिखा और तभी उन्होंने बच्चे की तस्वीर से उसके चेहरे का मिलान किया.

इसके बाद युवक ने बच्चे की मां और गांव के बारे में पूछा जिसके बाद उसने बिलकुल सही उत्तर दिए. इसके बाद युवक ने बच्चे को परिवार वालों को उसके बारे में जानकारी दी.

दरअसल, बच्चे के दादा की तबीयत बहू के जाने और फिर बेटे (बच्चे के पिता) की मौत के बाद खराब हो गई थी. दो साल पहले उनकी भी मौत हो गई थी.

लेकिन मरने से पहले उन्होंने अपनी जायदाद की वसियत तैयार करवाई और उसमें लिखा कि जब भी मेरा पोता आएगा तो उसे मेरी आधी संपत्ति दे दी जाए.