दयारा बुग्याल बटर फेस्टिवल (अण्डुड़ी) मेला 16-17 अगस्त को
उत्तरकाशी। दयारा बुग्याल की सुंदर वादियों में 16 और 17 अगस्त को बटर फेस्टिवल (अण्डुड़ी) पारंपरिक रूप में मनाया जाएगा। दयारा बुग्याल में आयोजित दूध ,दही, मक्खन, मट्ठा की होली से सजेगा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री शिरकत करेंगे।
बुधवार को गढ़वाल मंडल विकास निगम उत्तरकाशी में हुई प्रेस वार्ता में दयारा बुग्याल पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने बताया कि इस बार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विशिष्ट अतिथि पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज, क्षेत्रीय विधायक सुरेश चौहान मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल को पारंपरिक रूप से मनाया जायेगा। अभी तक 500 से अधिक पर्यटकों ने दयारा आने के लिए बुक कर लिया है।
उन्होंने बताया कि दयारा बुग्याल में अभी नौ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यहां के लोगों की वर्षों पुरानी मांग रोपवे की है। रोपवे के निर्माण से पर्यटकों को दयारा बुग्याल तक पहुंचने में सुविधा तो मिलेगी ही, समय की भी बचत होगी।
"रोप-वे" बनने से यहां पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी होती और स्थानीय युवाओं को घर बैठे हैं पर्यटन के रूप में स्वरोजगार मिलता और शिक्षित बेरोजगार युवाओं के साथ होम स्टे, छानी होम स्टे ,खच्चर, गाइड, पोटर्स एवं दुकानदारों को प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दो वर्षों के बाद पुनः दयारा बुग्याल की मखमली घास के ऊपर बृहद रूप में बटर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और दयारा बुग्याल पर्यटन के लिए मनमोहक पर्यटन स्थल है जहां मीलों तक मखमली घास और रंग-बिरंगे औषधीय पुष्प अपनी सुंदरता को बिखेरे हुए हैं।
इस अवसर पर दयारा रैथल बटर फेस्टिवल आयोजन के सुरेश रतूड़ी सचिव ,प्रधान सुशीला राणा, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटुडा विजय सिंह राणा उप्रधान रैथल महेंद्र सिंह राणा , पृथ्वी राज राणा आदि मौजूद रहे हैं।
रोप-वे न लगने से पर्यटकों के नजरों से ओझल रहा दयारा बुग्याल की खूबसूरती
समुद्र तल से लगभग 11000 फीट की ऊंचाई पर दयारा बुग्याल में दूध-दही और माखन की होली खेलने की परंपरा सदियों से है। बटर फेस्टिवल की खूबसूरत बुग्याल में देखने को मिलता है यही वजह रही कि यहां हर साल देश- विदेश से पर्यटन आते हैं लेकिन आवागमन के उचित साधन ना होने के कारण दयारा बुग्याल पर्यटकों के नजरों से ओझल रहा है। यदि यहां रोपवे लग जाता तो यहां देश दुनिया के असंख्य पर्यटक आते जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष रूप में पर्यटन को बढ़ावा व बेरोजगारों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होते इसके साथ- साथ सरकार का भी राजस्व बढ़ता।