भव्य तरीके से मनाया जाएगा 1 से 7 सितंबर तक श्रीनंदा देवी महोत्सव

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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भव्य तरीके से मनाया जाएगा 1 से 7 सितंबर तक श्रीनंदा देवी महोत्सव

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-हर घर लहराएगा ’माता का झंडा’
 


नैनीताल। सरोवर नगरी मं आगामी 1 से 7 सितंबर तक श्रीनंदा देवी महोत्सव के 120वें संस्करण को कोरोना के दो वर्ष के बाद पूरी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। महोत्सव में सांसद अजय भट्ट व विधायक सरिता आर्य के साथ मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी के भी पहुंचने की संभावना है।

महोत्सव के लिए पूरे शहर को माता की झंडियों से सजाया जाएगा। हर घर में माता के कलेंडर भी पहुंचाए जाएंगे। नगर में जगह-जगह तोरण द्वार लगाए जाएंगे। मंदिर परिसर को बिजली की मालाओं से सजाया जाएगा। महोत्सव में आधा दर्जन से अधिक छोलिया दलों के साथ ही स्थानीय बैंड एवं बाहरी ढोल वादन दल भी शामिल होंगे। महिलाएं परंपरागत परिधानों में शामिल होंगी। महोत्सव के दौरान मेला भी लगेगा जिसमें बच्चों के लिए सस्ते झूले लगाने की कोशिश की जा रही है। महोत्सव में बुजुर्गों व असहायों के लिए अलग लाइन तथा महिला श्रद्धालुओं की सुव्यवस्था के लिए पहली बार 50 महिला स्वयं सेवियों को भी तैनात किया जाएगा।

शनिवार को महोत्सव की आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से यह जानकारियां दीं। बताया कि अब तक 70 फीसद घरों में माता के झंडे और कलेंडर पहुंचा दिए गए हैं। यह भी बताया कि हर वर्ष की तरह शाम को पंच आरती, दुर्गा सप्तशती आदि के पाठ के साथ ही हर रोज शाम को पांच से छह बजे तक भजन संध्या का आयोजन आयाम मंच के माध्यम से किया जाएगा। बल्यूटी गांव के मूर्तियों के निर्माण के लिए कदली वृक्ष लाये जाएंगे।

पत्रकार वार्ता में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, गिरीश जोशी, देवेंद्र लाल साह, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, राजेंद्र बजेठा, डॉ. ललित तिवारी, भुवन बिष्ट, मिथिलेश पांडे व विवेक वर्मा आदि सदस्य उपस्थित रहे।

यह होंगे तिथिवार आयोजन-

श्रीनदा देवी महोत्सव में एक सितंबर यानी पंचमी को श्रीराम सेवक सभा के प्रांगण से महोत्सव का शुभारंभ एवं कदली दलों हेतु प्रस्थान, 2 सितंबर को कदली दलों का सूखाताल में आगमन के पश्चात वैष्णवी देवी मंदिर तल्लीताल से नगर भ्रमण एवं नयना देवी मंदिर में स्वागन व पूजन, 3 को मूर्ति निर्माण किया जाएगा। 4 सितंबर यानी अष्टमी को ब्रह्म मुहूर्त में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा एवं पूजन, शाम को पंच आरती, प्रसाद वितरण, रात्रि में हर रोज देवी पूजन व देवी भोग, 5 को दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन, कन्या पूजन व महाभंडारा होगा। 6 को सुंदरकाड व नंदा चालीसा तथा दीपदान एवं 7 को दिन में 12 बजे देवी भोग के उपरांत एक बजे से श्रीनंदा-सुनंदा की शोभा यात्रा एवं देर शाम पाषाण देवी मंदिर के पास मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।