बुजुर्ग की हत्या के बाद फरार हुए हिमांशु-गीता, फरार दंपति पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित

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बुजुर्ग की हत्या के बाद फरार हुए हिमांशु-गीता, फरार दंपति पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित

Uttarakhand

Photo Credit: UPUKLive


देहरादून : देहरादून में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। पटेलनगर क्षेत्र से गायब हुए एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है। इस जघन्य अपराध में शामिल दो मुख्य अभियुक्तों, हिमांशु चौधरी और उसकी पत्नी गीता, की तलाश में पुलिस दिन-रात जुटी हुई है।

ये दोनों घटना के बाद से ही फरार हैं और इनकी गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया है। क्या यह जोड़ा अपने इस काले कारनामे को छुपाने में कामयाब हो पाएगा, या पुलिस की सख्ती उनके लिए जाल बनकर तैयार हो रही है?

इस मामले में पुलिस पहले ही दो अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है। सहारनपुर से पकड़े गए अजय कुमार और धनराज चावला को हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ में इन दोनों ने खुलासा किया कि हिमांशु और गीता ने मिलकर बुजुर्ग श्यामलाल की हत्या की थी।

इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए इनकी मदद ली गई। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इस हत्या के पीछे मकसद क्या था? पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें कई लोग शामिल थे। शव को अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है, जिससे जांच में और चुनौतियां बढ़ गई हैं।

हिमांशु चौधरी और गीता की तलाश में पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाई हैं, जो उत्तराखंड के बाहर भी छापेमारी कर रही हैं। हिमांशु हरिद्वार के रुड़की का रहने वाला है, जबकि गीता का मायका सहारनपुर के देवबंद में है। दोनों हाल ही में देहरादून के किशन नगर एक्सटेंशन में रह रहे थे।

इनके फरार होने के बाद से पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी है। एक बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या और फिर अभियुक्तों का फरार होना - यह सब किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता। लेकिन हकीकत में यह एक परिवार और समाज के लिए गहरा आघात है।

एसएसपी देहरादून ने साफ किया कि दोनों अभियुक्तों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा। ईनाम की घोषणा इस दिशा में एक बड़ा कदम है। पुलिस का मानना है कि इससे लोगों की मदद मिल सकती है और कोई भी सुराग इन फरार अपराधियों तक पहुंचा सकता है। जांच में यह भी पता चला है कि हिमांशु और गीता ने शव को छुपाने की कोशिश में कई जगहों पर भटके थे। क्या उनकी यह चालाकी उन्हें बचाने में कामयाब होगी? समय ही इसका जवाब देगा। फिलहाल, पुलिस की नजर हर उस कोने पर है, जहां ये अपराधी छुपे हो सकते हैं।