BJP नेता का बड़ा बयान, कहा- हिंदुस्तान में कोई हिन्दू-मुस्लिम नहीं, सभी भारतीय
देहरादून। भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा ने UPUKLive के एडिटर इन चीफ मुहम्मद फैज़ान से विशेष बातचीत में मुस्लिम पॉलिटिक्स पर खुलकर बात की।
उन्होंने कहा कि जिस दिन आम मुसलमान समझ जाएगा कि बीजेपी से कोई खतरा नहीं है, उस दिन हालात सुधर जाएंगे। बीजेपी किसी से कोई भेदभाव नहीं करती और भेदभाव हम करें भी क्यों?
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उन्होंने कहा- 2014 में भाजपा आयी, आज 6 साल हो चुके हैं, सातवां वर्ष शुरू होने जा रहा है। इन 6 वर्षों में पूरे देश में कहां पर किस मुसलमान की प्रताड़ना हुई?, कहां दंगे हुए?, कहां किसी ने कोई गलत काम किया, जहां कानूनी कार्रवाई नहीं हुई?, ये आप 70 साल में कोई भी 6 साल निकालकर बता दो।
उन्होंने आगे कहा- मुसलमान क्या कोई अरब से आए हैं?, हम तो ये मानते हैं कि जितने भी इस देश के मुसलमान हैं, क्रिश्चियन हैं, सिख हैं, जैन हैं, बौद्ध हैं, ये सब तो यहीं के हैं। हमारे रगों में जितना राम और कृष्ण का खून बहता हैं, उतना ही हर एक मुसलमान, हर एक क्रिश्चियन की रगों में भी बहता है।
यहां पर कोई हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन हैं ही नहीं, सब भारतीय हैं।
आरके सिन्हा ने बातचीत के दौरान अपने साथ गुज़रा एक वाक्या भी सुनाया
उन्होंने कहा- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के रहनुमा सय्यद शाहबुद्दीन पटना जा रहे थे और मैं भी पटना जा रहा था। एक ही कूपे में मेरा लोअर बर्थ था और उनका अपर बर्थ था। उनके दामाद अफजल अमानुल्ला साहब पटना के ही रहने वाले हैं। अफजल के पिताजी के हमसे बहुत अच्छे ताल्लुकात थे। वह पटना इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी में इंजीनियर थे और हमारे बड़े भाई फाइनेंसियल एडवाइजर थे। बहुत अच्छी दोस्ती थी।
सफर के दौरान मैंने कहा हुज़ूर आप बुज़ुर्ग आदमी हो, आप नीचे रहना हम ऊपर चले जाएंगे। उन्होंने कहा- बड़ा शुक्रिया।
गाड़ी चली तो खाने की बारी आयी। मैंने कहा- मैं तो अपना टिफिन बॉक्स लेकर आया हूं। आप चाहे तो इसमें खा सकते हैं। शाकाहारी खाना है, और घर का बना हुआ है।
उन्होंने कहा- चलिए आज आप ही के साथ खाते हैं। फिर हमने भोजन किया। फिर हम बातचीत करने लग गए। हमने कहा- शाहबुद्दीन साहब एक बात हमको आप बताइये, आप इतने पढ़े लिखे इंसान हो। आप नेतृत्व कर रहे हो मुसलमानों का, इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है। करना चाहिए।
लेकिन आपके जितने भी अपने बच्चे हैं या फिर नाती-पोते हैं, ये तो मदरसे में नहीं पढ़ते, सब कान्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं। तब वह बोले कि संडे को मौलाना आते हैं और पढ़ाते हैं।
तब हमने कहा कि जब उससे काम चल जाता है तो बाकि मुसलमानों को आप गुमराह क्यों कर रहे हैं कि मदरसे में ही जाना चाहिए। वो हंसने लग गए, बोले- आप समझदार आदमी हो, अब आपको क्या हम बताएं। ऐसा करना पड़ता है।