चचेरे भाई पर 7 साल की बहन के साथ रेप का आरोप

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चचेरे भाई पर 7 साल की बहन के साथ रेप का आरोप

Child Abuse

Photo Credit: Yameen Vikat


हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की पवित्रता को शर्मसार कर दिया। एक 17 वर्षीय किशोर ने अपनी ही 7 साल की चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध किया। इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी किशोर को हिरासत में लिया और उसे किशोर न्यायालय बोर्ड के समक्ष पेश किया। यह घटना न केवल सामाजिक मूल्यों पर सवाल उठाती है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।

घटना का खुलासा: एक मासूम की दर्दनाक कहानी

चार दिन पहले हुई इस घटना ने तब तूल पकड़ा, जब पीड़िता के परिवार ने उसकी बदहवास हालत देखी। जानकारी के अनुसार, बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वाली 7 वर्षीय मासूम उस समय घर पर अकेली थी, जब उसके परिवार के लोग बाहर गए हुए थे। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला उसका 17 वर्षीय चचेरा भाई घर में दाखिल हुआ और उसने इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। बच्ची की मासूमियत और भरोसे को कुचलते हुए, आरोपी ने रिश्तों की सारी हदें पार कर दीं।

परिवार की प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई

जब परिवार घर लौटा, तो बच्ची की घबराहट और डर ने सभी को चौंका दिया। माता-पिता ने जब उससे बात की, तो मासूम ने अपनी आपबीती बयां की, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। पीड़िता के पिता ने तुरंत बनभूलपुरा थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की। बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसने अपराध की पुष्टि की। आरोपी को किशोर न्यायालय बोर्ड में पेश किया गया है, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।

समाज में बढ़ती चिंता: बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराध और रिश्तों में विश्वास का टूटना गंभीर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक करना भी जरूरी है। माता-पिता और स्कूलों को बच्चों को 'गुड टच' और 'बैड टच' के बारे में शिक्षित करना चाहिए। साथ ही, समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानूनी और सामाजिक कदम उठाने की आवश्यकता है।

कानून और जागरूकता का महत्व

पॉक्सो एक्ट जैसे सख्त कानून बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन इनका प्रभावी कार्यान्वयन और सामाजिक जागरूकता ही इन अपराधों को रोक सकती है। इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम अपने बच्चों को पर्याप्त सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं? यह घटना हमें न केवल कानूनी सख्ती, बल्कि परिवार और समाज में खुली बातचीत की जरूरत को भी दर्शाती है।