धामी सरकार का ऐतिहासिक कदम, उत्तराखंड में 3 महीने में लागू होगा UCC

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धामी सरकार का ऐतिहासिक कदम, उत्तराखंड में 3 महीने में लागू होगा UCC

 UCC Uttarakhand

Photo Credit: upuklive


देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड विधानसभा से पारित समान नागरिक संहिता (यूसीसी-UCC) विधेयक को राष्ट्रपति भवन से मंजूरी मिल चुकी है।

लेकिन इस कानून को उत्तराखंड में वास्तविक तौर पर लागू होने में अभी लगभग तीन महीने का समय लग सकता है। दरअसल अभी यूसीसी की नियमावली तैयार नहीं हो पाई है।

धामी सरकार नियमावली बनाने के लिए कमेटी का गठन पहले ही कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, इस समिति द्वारा नियमावली के संदर्भ में रिपोर्ट लगभग तीन महीने में सरकार को सौंपे जाने की संभावना है। धामी सरकार की ओर से बनाया गया समान नागरिक संहिता कानून अब सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर कानून का स्वरूप ले चुका है।

लेकिन किसी भी कानून को लागू करने के लिए स्पष्ट नियमों का होना भी बेहद जरूरी है। नियमावली में ही संबंधित कानून को लागू करने वाले अधिकारियों, निकायों उनके अधिकार क्षेत्रों और प्रक्रिया का उल्लेख होता है।

इस काम के लिए सरकार पिछले महीने ही पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर चुकी है। कमेटी की एक बैठक गत 23 फरवरी को हो चुकी है, दूसरी बैठक इसी शुक्रवार को प्रस्तावित है।नियमावली को लेकर गठित सात सदस्यीय कमेटी के एक सदस्य के मुताबिक, नियमावली में चूंकि सभी बातों को शामिल किया जाना है, इस कारण इस काम में अभी कम से कम तीन महीने का समय और लगेगा।

नियमावली को प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही यूसीसी व्यावहारिक तौर पर लागू हो पाएगी। इस कमेटी के सदस्यों में दून विवि की वीसी प्रो.सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा और दिल्ली में स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा के साथ अपर सचिव न्याय सुधीर सिंह और आईटीडीए निदेशक अनुबद्ध शामिल हैं।

कमेटी में अपर सचिव कार्मिक, पंचायतीराज, शहरी विकास और वित्त को नोडल अधिकारी के तौर पर शामिल किया गया है। इस संबंध में सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि यूसीसी लागू किए जाने का शासनादेश बाद में अलग से जारी किया जाएगा।

क्या है यूनिफार्म सिविल कोड

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है, भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो। यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा। अभी देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, संपत्ति के बंटवारेऔर बच्चों को गोद लेने आदि मामलों का निपटारा, अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं। हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं, जबकि मुस्लिम, ईसाई और पारसी के अपने-अपने अलग पर्सनल लॉ हैं।

किस नियम के तहत अधिकार

संविधान के अनुच्छेद 245 और 246 में पार्लियामेंट को कानून बनाने का अधिकार है। इसके साथ ही कुछ मामलों में राज्य सरकारों को भी विधायिका के मार्फत कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। उत्तराखंड सरकार ने इसी के आधार पर राष्ट्रपति की सहमति के बाद कानून को शक्ल दी है।

दो बार गजट नोटिफिकेशन 

राष्ट्रपति भवन से विधेयक को मंजूरी के बाद सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन भी प्रकाशित कर दिया है। वैसे तो गजट नोटिफिकेशन के दिन से ही कानून लागू हो जाता है, पर अभी प्रदेश में यूसीसी की नियमावली नहीं बन पाई है। इस कारण प्रथम गजट नोटिफिकेशन में इसे राष्ट्रपति भवन से मंजूरी मिलने तक की ही जानकारी दर्ज है। अब नियमावली लागू होने के बाद, दूसरा गजट नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, जिसमें संहिता लागू होने की तिथि का स्पष्ट उल्लेख हो सकता है।