ऑपरेशन सिंदूर के बाद दून में हाई अलर्ट! सुबह-सुबह छावनी में बदला पूरा शहर

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद दून में हाई अलर्ट! सुबह-सुबह छावनी में बदला पूरा शहर

Opration Sindoor

Photo Credit: UPUKLive


Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस ऑपरेशन के बाद देहरादून में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने दून पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा।

सुबह के पहले पहर से ही शहर और ग्रामीण इलाकों में पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर संदिग्धों की तलाश में व्यापक अभियान शुरू किया। इस दौरान पुलिस ने सतर्कता और सजगता के साथ बाहरी लोगों का सत्यापन किया, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।

दून पुलिस की विभिन्न टीमें सुबह से ही सड़कों, गलियों और बस्तियों में सक्रिय हो गईं। इस अभियान में 2117 बाहरी लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई। सत्यापन के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। किरायेदारों का सत्यापन न कराने और अन्य उल्लंघनों के चलते पुलिस ने 316 लोगों के खिलाफ 83 पुलिस एक्ट के तहत चालान किए।

इन चालानों के जरिए 31 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। इसके अलावा, 115 संदिग्ध व्यक्तियों को थाने लाकर उनसे गहन पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद 135 लोगों के खिलाफ 81 पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए 33,750 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

यह अभियान केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि शहर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक ठोस कदम था। देहरादून जैसे शांत और पर्यटन के लिए मशहूर शहर में किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाई। स्थानीय लोग इस कार्रवाई से संतुष्ट नजर आए, क्योंकि इससे न केवल सुरक्षा का भरोसा बढ़ा, बल्कि असामाजिक तत्वों पर भी नकेल कसी गई। पुलिस का यह कदम न सिर्फ देहरादून, बल्कि पूरे उत्तराखंड में एक मिसाल बन गया है। 

दून पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि सत्यापन अभियान को नियमित रूप से चलाया जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा का भाव और मजबूत होगा। देहरादून पुलिस की यह मुस्तैदी निश्चित रूप से सराहनीय है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों की जरूरत बनी रहेगी।