उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, ओलावृष्टि और बारिश के साथ ही बिजली गिरने की आशंका
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि आगामी दिनों में मौसम बिगड़ने से ओलावृष्टि और बारिश के साथ ही बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं. ऐसे में भेड़ पालकों के साथ सभी को सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भेड़ बकरी चराने जा रहे भेड़ पालकों को बिजली गिरने और ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान से बचना चाहिए. वहीं उन्होंने बताया कि आगामी 3 दिनों में चारधाम लोकेशन में भी वेदर एक्टिविटी बनी रहेगी, उसकी वजह से तापमान काफी कम रहेगा. ऐसे में तीर्थ यात्रियों को पूरी तैयारी के साथ आगे जाना चाहिए और यदि जरूरत पड़े तो प्रशासन से मदद भी लेनी चाहिए.
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार छिटपुट बारिश की वजह से चारधाम मार्गों पर भूस्खलन होने के भी आसार हैं. जिससे रास्ता बंद हो सकता है. वहीं उन्होंने सलाह दी है कि जब थंडर स्टॉर्म एक्टिविटी चल रही होती है तो ऐसे में संयम से काम लेना चाहिए. इससे बचने का एकमात्र तरीका यही है कि यात्री सेफ जगह पर रुक जाएं, ताकि कोई दुर्घटना ना घट सके.
वहीं मौसम के मिजाज को देखते हुए प्रदेश वासियों को अलर्ट रहने की जरूरत है.
केदारनाथ में बारिश का दौर जारी
पहाड़ों में एक बार फिर से मौसम करवट बदल दी है. देर रात से पहाड़ों में बारिश जारी है. केदारनाथ धाम की बात करें तो धाम में लगातार बारिश जारी है. हालांकि अभी यात्रा सुचारू है. सुबह के समय सोनप्रयाग से 10 हजार के करीब यात्री बारिश में ही केदारनाथ धाम के लिये रवाना हुए.
केदारनाथ में भक्त बारिश के बीच दर्शनों के लिये कतार में लगे हुए हैं. मौसम विभाग ने तीन दिन का बारिश का अलर्ट जारी किया था. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद देर रात से ही बारिश जारी है. केदारनाथ धाम में बारिश के बाद धुंध भी लग रही है. जिस कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बाधित हो रही हैं. ठंड और बारिश के कारण तीर्थ यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
विकासनगर में झमाझम बारिश
उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बुधवार सुबह से ही जौनसार बावर पछवादून क्षेत्र में झमाझम बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. तापमान में भारी गिरावट आने से लोगों को गर्म कपड़े पहनने को मजबूर होना पड़ रहा है.
वहीं किसानों की फसलें भी बेमौसम की बारिश से खराब होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. वर्तमान में लहसुन, प्याज, आलू, बींस आदि फसलों को नुकसान होने की आशंका है. बारिश के चलते पशुपालक अपने पशुओं के लिए चारा पत्ती लाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो लगातार बारिश के चलते लोग घरों में दुबके नजर आ रहे हैं.