RK सिन्हा को दादा से मिली प्रेरणा, अब जैविक मैन के नाम से हैं विख्यात

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RK सिन्हा को दादा से मिली प्रेरणा, अब जैविक मैन के नाम से हैं विख्यात

RK सिन्हा को दादा से मिली प्रेरणा, अब जैविक मैन के नाम से हैं विख्यात

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देहरादून। हम आपको आज एक ऐसी शख्सियत से रूबरू कराएंगे जो बचपन में यूं तो माता-पिता के अनुसाशन से बाहर निकलकर आज़ादी महसूस करने के लिए दादा के पास गांव जाकर खेती किसानी में उनका हाथ बंटाया करते थे, लेकिन यहीं से उन्हें ऐसी प्रेरणा मिली कि अब जैविक मैन के नाम से विख्यात हो गए। 

हम बात कर रहे हैं भाजपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व सांसद राज्यसभा आर. के सिन्हा की। श्री सिन्हा जैविक खेती के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करते हुए लोगों के लिए न सिर्फ़ प्रेरणा बने हुए हैं, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर जानकारी भी साझा करते रहते हैं। 

आरके सिन्हा का मानना है कि आज के दौर में मनुष्य अपने खाने-पीने की सामग्री को लेकर बेहद चिंतित नज़र आता है, क्योंकि एक तो मिलावट और ऊपर से हमारी भोजन सामग्री की तैयारी में पेस्टिसाइड का प्रयोग हमें अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है। जिससे मनुष्य के शरीर में घातक बीमारियां जन्म ले रही हैं और जीवन बर्बादी की और जा रहा है।  

वर्तमान में चाहे सब्ज़ी हो या धान, गेंहू , तिलहन हर चीज़ की उपज में यूरिया समेत तमाम हानिकारक दवाओं का उपयोग किया जाता है जो मनुष्य  के शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। जिनसे छुटकारा पाना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद ज़रूरी है।

यूपीयूकेलाइव के एडिटर इन चीफ़ मुहम्मद फैज़ान से विशेष बातचीत के दौरान जैविक मैन आर. के सिन्हा ने खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। 

आर. के सिन्हा ने बताया कि भले किसान आज रासायनिक खेती को परम्परागत रूप में अपना चुका है, लेकिन पूर्व में हमारे पुरखों के खेती करने का जो तरीका था वह जैविक खेती का था। जैविक खेती ही हमारी परम्पगत खेती है। यह समझते हुए हमें रासायनिक खेती को छोड़कर जैविक खेती को अपनाना ही होगा। इसी से हमारी आने वाली नस्लें बर्बाद होने से बच सकती हैं।

विदेशियों के साथ मिलकर थोपी देश के किसान पर रासायनिक खेती
आर.के सिन्हा ने बताया कि हरित क्रांति के दौरान तत्कालीन सरकार और विदेशियों  ने देश के किसान को भ्रमित करके खाद व पेस्टिसाइड व अधिक उपज का लालच देखर अन्नदाता को रासायनिक खेती की तरफ़ धकेल दिया। बस उसी के बाद से ज़हर बोने, ज़हर काटने व ज़हर खाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी।

सैकड़ों बीघा भूमि पर कई प्रकार की फसलों की जैविक पैदावार
आर. के सिन्हा अपनी सैकड़ों बीघा कृषि भूमि पर जैविक प्रक्रिया के अंतर्गत दर्जनों प्रकार की फसलों की खेती करते हैं। जिसमें गेंहू, धान, सभी प्रकार की दालें, अलसी, सरसों, सफ़ेद इलायची, तेजपात का पत्ता, सभी प्रकार के मसालें, फल, सभी सब्जियां आदि कई तमाम प्रकार की फसलों की पैदावार अपने फार्म हाउस पर करते हैं।