उत्तराखंड पुलिस की यह पहल बन गई मिसाल, हर कोई कह रहा – 'सलाम है ऐसे सिपाही को'

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उत्तराखंड पुलिस की यह पहल बन गई मिसाल, हर कोई कह रहा – 'सलाम है ऐसे सिपाही को'

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Photo Credit: UPUKLive


उत्तराखंड की दून पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था की रक्षा करती है, बल्कि मानवता की मिसाल भी पेश करती है। हाल ही में, एक कैंसर मरीज की जान बचाने के लिए दून पुलिस के जवान ने जो किया, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। यह कहानी न सिर्फ पुलिस की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि समाज में एकजुटता और मदद की भावना को भी बढ़ावा देती है। 

80वीं बार रक्तदान, बनी मिसाल

13 अप्रैल 2025 को देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती एक कैंसर मरीज को तत्काल प्लेटलेट्स की जरूरत थी। यह जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दून पुलिस के जवान कॉन्स्टेबल शाहनवाज तक पहुंची। बिना समय गंवाए, शाहनवाज ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर स्वेच्छा से प्लेटलेट्स दान किए।

यह उनके लिए कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि वह पहले भी 79 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनकी इस नेक पहल ने न केवल मरीज की जान बचाई, बल्कि उनके परिवार को भी नई उम्मीद दी। यह 80वां रक्तदान उनके समर्पण और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया।

पुलिस की सेवा, जनता का विश्वास

उत्तराखंड पुलिस हमेशा से ही आम लोगों की मदद के लिए तत्पर रही है। चाहे वह आपदा हो, संकट हो, या फिर कोई व्यक्तिगत जरूरत, दून पुलिस ने हर बार अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया है। इस घटना में भी, कॉन्स्टेबल शाहनवाज ने तुरंत कार्रवाई कर यह साबित किया कि पुलिस न केवल सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि मानवता का भी एक जीवंत उदाहरण है। मरीज के परिजनों ने दून पुलिस की इस संवेदनशीलता की जमकर सराहना की और आभार व्यक्त किया। उनके लिए यह सिर्फ रक्तदान नहीं, बल्कि एक नई जिंदगी का तोहफा था।

समाज के लिए प्रेरणा

कॉन्स्टेबल शाहनवाज जैसे लोग समाज में बदलाव की एक मिसाल हैं। उनका यह कार्य हमें सिखाता है कि छोटी-सी मदद भी किसी की जिंदगी बदल सकती है। रक्तदान जैसा नेक काम न केवल मरीजों को नया जीवन देता है, बल्कि समाज में एकजुटता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। दून पुलिस की यह पहल हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहता है। 

उत्तराखंड पुलिस की अनूठी पहचान

उत्तराखंड पुलिस की यह खासियत है कि वह सिर्फ कानून लागू करने तक सीमित नहीं है। वह हर उस मौके पर खड़ी होती है, जहां इंसानियत की जरूरत होती है। कॉन्स्टेबल शाहनवाज की कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्ची सेवा वही है, जो दिल से की जाए। दून पुलिस का यह प्रयास न केवल देहरादून के लोगों के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।