Uttarakhand Weather: चार दिनों तक कैसा रहेगा मौसम? IMD ने जारी किया विस्तृत पूर्वानुमान
देहरादून (उत्तराखंड): Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में तेज धूप एवं गर्म हवाओं ने तापमान बढ़ा दिया है। बुधवार को देहरादून में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 38.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
वहीं पंतनगर में तापमान 39.5 डिग्री पहुंच गया। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा तापमान रहने का अलर्ट जारी किया है।
राज्य का तापमान 39 डिग्री तक पहुंच सकता है। इधर, मौसम विभाग ने केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री एवं बदरीनाथ में अगले तीन दिन बादल छाने एवं शाम को बारिश के आसार हैं। उधर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश एवं आकाशीय बिजली चमकने की संभावना जताई है।
दिन में चिलचिलाती धूप, शाम को धूलभरी आंधी
दून में दिनभर चिलचिलाती धूप निकली और गर्म हवाएं चलती रहीं। इससे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। वहीं शाम को कई इलाकों में धूलभरी आंधी चली, जिससे यातायात में समस्या आई। हालांकि गर्मी से कुछ राहत मिली।
गर्मी में अजबपुर, बंजारावाला में बिजली गुल होने से आफत
देहरादून के सरस्वती विहार अजबपुर खुर्द व बंजारावाला क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। सरस्वती विहार विकास समिति के सचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि पिछली कई दिनों से क्षेत्र में बिजली की कटौती की जा रही है।
बुधवार को सुबह 8 बजे से बिजली की कटौती शुरू हो गई थी। जो दोपहर 3.30 बजे तक रही। जब इस संबंध में विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने ठोस जवाब नहीं दिया। अधिकारी कभी 132 केवी बिजलीघर में खराबी की बात करते तो कभी रोस्टर की बात करते। गजेन्द्र भंडारी ने कहा कि एक तो गर्मी अपनी चरम पर है, वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा लगातार बिजली की कटौती लंबे समय के लिए जा रही है।
क्षेत्र में 80 वर्ष से अधिक काफी वरिष्ठ लोग हैं जो अक्सर बीमार रहते हैं। उनको ज्यादा देर तक बिजली की आपूर्ति बाधित होने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दो दिनों से जल संकट से मुसीबत
किशननगर वार्ड की निवर्तमान पार्षद नंदिनी शर्मा ने बताया कि पिछले दो दिनों से इलाके में पेयजल समस्या हो रही है। बुधवार को कॉलोनी के लोगों को पानी मिलना मुश्किल हो गया है। जल संस्थान के अफसरों से पूछा तो बिजली के लो वोल्टेज की बात पता चली, जिससे पानी के बड़े टैंक में पानी नहीं भरा जा सक रहा।